क्या करूँ , ये नाईट शिफ्ट में जॉब करते है और जेठ जो मुझे रोज़ रेल देते हैं सोने के पहेले । जरा भी शर्म नहीं अति , आख़िर मैं जेठ जी को भइया भइया कह कर भी क्यूँ नहीं रोक पाती । कहीं मेरा बदन भी तो माँग रहा था , सो जेठ जी ने लपक लिया। पर देखो तो सही .. बेचारी का क्या बुरा हाल है ।